प्रयागराज । इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) और इविवि संघटक महाविद्यालय संघ (ऑक्टा) को मिलकर अब महासंघ बनाया जाएगा। यह फैसला सोमवार को आटा और ऑक्टा के पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक में लिया गया।
बैठक में इविवि और महाविदयालयाें पढाई के माहौल पर चिंतन
बैठक में पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में पठन-पाठन के माहौल को खराब करने वाले तत्वों और विश्वविद्यालय की छवि खराब करने वालों के खिलाफ संयुक्त लड़ाई का आह्वान किया। बैठक में कहा गया कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए विश्वविद्यालय को बदनाम कर रहे हैं। इसके अलावा इविवि व महाविद्यालयों में होने वाले सुधारात्मक कार्यों में अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं।
दोनों संघों को मिलाकर बनेगा महासंघ
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा आटा और ऑक्टा को मिलाकर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के शिक्षकों का महासंघ बनाने का रहा। यह प्रस्ताव रखा गया कि दोनों संघों के अध्यक्ष और महासचिव इस पर अपनी कार्यकारिणी और आम सभा में विचार-विमर्श करेंगे। शिक्षकों के साथ विमर्श करके इस पर बहुत जल्द अंतिम मुहर लगाएंगे। इसके बाद शिक्षकों की समिति बनाई जाएगी। वह महासंघ के संविधान का प्रारूप तैयार करेगी और इस संदर्भ में दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के संविधान की भी मदद लेगी। बैठक में पिछले चार वर्षों में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में शिक्षक हित में हुए कार्यों के लिए कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू का आभार व्यक्त किया गया। बैठक में आटा अध्यक्ष प्रो. रामसेवक दुबे, महासचिव प्रो. शिवमोहन प्रसाद, ऑक्टा अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र पाल सिंह, महासचिव डॉ. उमेश प्रताप सिंह और हिंदी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राकेश सिंह उपस्थित रहे।