नगर निगम सीमा विस्तार पर आज यूपी कैबिनेट की मुहरलग सकती है


प्रयागराज  नगर निगम के सीमा विस्तार पर यूपी कैबिनेट की 31 दिसंबर मंगलवार को होने वाली बैठक में अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। सीमा विस्तार होने पर अविकसित वार्डों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की नई भर्ती भी करनी होगी। वर्तमान में 80 वार्ड हैं जो सीमा विस्तार के बाद 100 हो जाएंगे।


काबीना मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कैबिनेट की बैठक में आपर्ति की थी


24 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में काबीना मंत्री और शहर पश्चिमी के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने सीमा विस्तार में शामिल किए जाने वाले गांवों की सूची पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इससे नगर निगम प्रयागराज का सीमा विस्तार नहीं हो सका। शासन ने नगर निगम से संशोधित गांवों की सूची मांगी थी। नगर निगम ने पहले 238 गांवों की संभावित सूची शासन को भेजी थी। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह की आपत्ति के बाद शहर पश्चिम के 12 गांव को सूची से हटाया गया है। चर्चा है कि फूलपुर के 19 गांवों को भी संभावित सूची से पृथक किया है। उम्मीद है कि प्रयागराज में 207 गांवों और झूंसी नगर पंचायत को शामिल किया जाएगा।


प्रमुख चुनौतियां


-साफ-सफाई की व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट, पाइप लाइन व सीवर लाइन प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं।


महापौर कहती हैं


महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदा ने कहा कि नए वार्डों को शीघ्र विकसित कर साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, सीवर लाइन और पाइप लाइन की व्यवस्था प्राथमिकता में शामिल है। राज्य वित्त आयोग व अवस्थापना निधि का बजट बढ़ेगा जिससे कार्य कराए जाएंगे।


उम्मीद


-नगर निगम को करनी पड़ेगी कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्त


-अविकसित वार्डों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना होगी चुनौती


खास-खास


100 से अधिक अधिकारियों पर जिम्मेदारी का दायित्व


2000 आउटसोर्स कर्मी सफाई व अन्य जगह दे रहे सेवा


2800 स्थाई और संविदा कर्मी हैं नगर निगम में कार्यरत


निगम में नगर पंचायत झूंसी को करें सम्मिलित


नगर पंचायत झूंसी को नगर निगम में शामिल न करने को लेकर अध्यक्ष शिल्पी अग्रवाल ने शासन को पत्र भेजा है। उनके पति उमेश अग्रवाल मुख्यमंत्री कार्यालय में ज्ञापन सौंप चुके हैं। फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल और सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने नगर विकास मंत्री को चिट्ठी भेजी है। शिल्पी का कहना है कि झूंसी का गठन धार्मिक महत्ता पर हुआ था। नगर निगम की सीमा में शामिल होने पर महत्व कम हो जाएगा। कैबिनेट को गंभीरता से विचार करना चाहिए। सोमवार को झूंसी को लेकर कई बार पूछताछ की गई।